Monday, July 2, 2012

मनमौजी परिंदे

मनमौजी परिंदे 

आज़ाद परिंदे ने पंख फेलाए,
उद्द चला वो वहा जहा जी में आये,
कभी बादलो से ऊँचा कभी चारो दिशाए ,
उद्द चला वो वहा जहा जी में आये,

कभी डाल डाल बैठे, देखे आंखे बिछाए ,
ढूंढे कौन सा वो रास्ता जो घर लेके जाये,
कभी बारिशो से लड़ता, कभी ठंडी हवाए,
उद्द चला वो वहा जहा जी मे आये।


Saturday, June 23, 2012

Mere Baad

मेरे बाद

मेरे बाद मेरे नाम का परचा बांटा जा रहा था,
कहीं रो रहा था कोई तो कहीं मुस्कुराया जा रहा था,

हर तरफ चर्चा था मेरा ,
हर तरफ बस यही बात थी,
ऊपर वाले की जाने ये कैसी सौगात थी,
हर किसी के लबों पे बस यही नाम आता जा रहा था ..
मेरे बाद मेरे नाम का परचा बांटा जा रहा था..


कोई कहता है नादाँ था वो ,
कोई कहता वो खुद से खफा था,
कोई कहता वो शैता था थोडा .
कभी था ज़िन्दगी से परेशां ,
बस यही कह सोच कर वक़्त  काटा जा रहा था ..
मेरे बाद मेरे नाम का परचा बांटा जा रहा था..


किसी के लबों पे उदासी सी छाई थी ,
कभी किसी की आँख भर आई थी ,
कहीं पे कोई कुछ कह नहीं पा रहा था,
कहीं किसी के दिल पे बोझ बढ़ता जा रहा था।
मेरे बाद मेरे नाम का परचा बांटा जा रहा था..


ज़िन्दगी सारी जिसके डर से गुजार दी ,
आज उसी आग से मुझे नहलाया जा रहा था ,
पाला पोसा जिसने, जिसने मुझे चलना सिखाया ,
उन्ही हाथों से आज मुझे जलाया जा रहा था।

मेरे बाद मेरे नाम का परचा बांटा जा रहा था..
कहीं रो रहा था कोई तो कहीं मुस्कुराया जा रहा था..


आशु ..
धीरे - धीरे

कैसे कटेगी अब ये रात धीरे धीरे ,

आएगी याद जब तेरी बात धीरे धीरे ,

जब बदलेगी दूरियों में मुलाकात धीरे धीरे ,


जब मिल न सकोगे मुझ से आप धीरे धीरे ,

कहता है दिल हमसे ये बात धीरे धीरे,

रहते हो आँखों में आप धीरे धीरे,

रोये भी कैसे हम आज धीरे धीरे,

डरते है खो न दे तुम्हारा साथ धीरे धीरे,

रह ना सकोगे फिर तुम भी हमसे बिछड़ के,

जब टूटेंगे खुशियों के साज धीरे धीरे!!!!


आशु ...
Ek Dard

Mere Dard ko jaanane wale, Mujhe samjhane aaye hai!!
Apno ne chhod diya sath, Ab samne begane aaye hai!!

Meri takdeer thi kuch aisi, kii duur se hi dekh kar reh gaye apni manzil!!
Jab bikhar kar gir gaye ham tab samne aashiyane aye hai!!

Fakat dino se hi chhodi thi sharaab, kii fir hath me paimane aaye hai!!
Mere dard ko apnane wo dekho, Badi duur se kuch deewane aaye hai!!

Jab jal rahi thi meri hasti, tab tamasbino ne muh mod liya hamse!!
Ab mil gayi hai zameen me rakh, to wo aag bujhane aaye hai!!

Mere Dard ko jaanane wale, Mujhe samjhane aaye hai!!
Apno ne chhod diya sath, Ab samne begane aaye hai!!


Ashu..