Saturday, June 23, 2012

Mere Baad

मेरे बाद

मेरे बाद मेरे नाम का परचा बांटा जा रहा था,
कहीं रो रहा था कोई तो कहीं मुस्कुराया जा रहा था,

हर तरफ चर्चा था मेरा ,
हर तरफ बस यही बात थी,
ऊपर वाले की जाने ये कैसी सौगात थी,
हर किसी के लबों पे बस यही नाम आता जा रहा था ..
मेरे बाद मेरे नाम का परचा बांटा जा रहा था..


कोई कहता है नादाँ था वो ,
कोई कहता वो खुद से खफा था,
कोई कहता वो शैता था थोडा .
कभी था ज़िन्दगी से परेशां ,
बस यही कह सोच कर वक़्त  काटा जा रहा था ..
मेरे बाद मेरे नाम का परचा बांटा जा रहा था..


किसी के लबों पे उदासी सी छाई थी ,
कभी किसी की आँख भर आई थी ,
कहीं पे कोई कुछ कह नहीं पा रहा था,
कहीं किसी के दिल पे बोझ बढ़ता जा रहा था।
मेरे बाद मेरे नाम का परचा बांटा जा रहा था..


ज़िन्दगी सारी जिसके डर से गुजार दी ,
आज उसी आग से मुझे नहलाया जा रहा था ,
पाला पोसा जिसने, जिसने मुझे चलना सिखाया ,
उन्ही हाथों से आज मुझे जलाया जा रहा था।

मेरे बाद मेरे नाम का परचा बांटा जा रहा था..
कहीं रो रहा था कोई तो कहीं मुस्कुराया जा रहा था..


आशु ..

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